Saturday, October 26, 2013
Friday, October 25, 2013
Thursday, October 24, 2013
Thursday, October 10, 2013
मैं हार गया
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी बस स्टैंड । हर दिन की तरह आज भी 534 न0 की बस का इंतज़ार और आज भी वही होना था जो रोज़ होता था लेकिन आज कुछ ज्यादा ही हो गया जो नहीं होना चाहिए था । आज मै हार गया । मैं जिस स्टूडियो में काम करता हु वो क़ुतुब मीनार के पास है , मैं रोजाना 534 बस से कालकाजी मेट्रो स्टेशन उतरता हूँ और फिर मेट्रो से क़ुतुब मीनार ।
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के बस स्टैंड पर 534 के इंतज़ार में कम से कम एक घंटा वेट करना होता है इसी आस में की शायद बस आ जाये और अगर बस आ भी जाती है तो उसमे इतनी भयंकर भीड़ होती है की लोग दरवाजे से बहार लटक रहे होते हैं .... शायद ही कभी कोई खली बस मिल जाये । वापसी में 7.30 बजे शाम को तो नेहरु प्लेस बस स्टैंड पर और भी खतरनाक स्थिति होती है ..... 534 के इंतज़ार में इतने लोगों की भीड़ जमा रहती है, जैसे लगता है की कांग्रेस या बीजेपी की रैली होने वाली है ..... बहुत साड़ी बस (534) तो बिना दरवाजा खोले और बिना रुके हुए ही सीधे निकल जाती हैं क्यूंकि उन बसों में पहले से ही पाल्ट्री फार्म के मुर्गे की तरह ख्च्चम खुच लोग भरे होते हैं । कल शाम 7.30 बजे एक भाई साहब को देखा की वो लगभग 45 मिनट तक नेहरु प्लेस बस स्टैंड पर खरे होकर ऑटो वालों को हाथ हिलाते रहे मगर कोई भी ऑटो वाला जाने को तय्यार ही नहीं हुआ ,.. एक बार मेरे साथ भी हुआ था लगभग 6 महीने पहले तब मैंने पहली बार झल्ला कर 100 न0. पे पुलिस को डायल किया था । मैं अपना कोम्पुटर ठीक करा कर वापस लौट रहा था .... मैंने 6-7 ऑटो वाले से पूछा की चलोगे मगर कोई जाने को तय्यार ही नहीं .... फिर मैंने 100 न0 पे पुलिस को फ़ोन लगाया तो पुलिस वाले ने कहा की जो ऑटो जाने को तय्यार नहीं उसका ऑटो नंबर बताओ ..... मैंने सभी ऑटो वाले के गारी नंबर नोट करा दिए जो जाने से मना कर रहे थे ..... पुलिस वाले ने ये कह कर मेरा फ़ोन कट दिया की अभी सभी ऑटो वालों का चालान कटवाता हु .... मगर ये मेरे प्रॉब्लम का सलूशन नहीं था ..... मुझे ऑटो मिला कहाँ?
आज तो हद ही हो गयी .... न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के बस स्टैंड पर सवा घंटे इंतज़ार करने के बाद एक 534 नंबर की बस आई मगर उसमे भी इतनी ख्च्चम खुच भीड़ थी की लोग दरवाजे से बहार लटक रहे थे .... एक तो सवा घंटे वेट करते करते परेशान हो गया ऊपर से इस बस को देखकर तो मेरी हिम्मत जवाब दे गयी ... मैं हार गया .... आज मैं स्टूडियो नहीं गया और शायद अब बस से कभी जाऊंगा भी नहीं ।
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