Saturday, February 28, 2015

The Mid Night

27 फरवरी की आधी रात को ओखला रेलवे स्टेशन (नयी दिल्ली) पे, चारो तरफ रात का सन्नाटा था, ऐसा लग रहा था मानो मेरे साथ ये शहर भी उदास हो गया है, जिस तरह मैं ताक रहा था इस पसरे हुए ख़ामोशी को, टटोल रहा था कुछ अन्सुलझे ज़िन्दगी के सवालों को, मिटा रहा था मन की आशाओं को, ढून्ढ रहा था अपने प्यार को, ठीक उसी तरह ये रात मुझे ताक रही थी अपनी खामोश बेबस निगाहों से और मुझसे कह रही थी "यहां बस मैं हूँ और कोई नहीं"।