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यादें / बीते लम्हें
Press/Media
Thursday, February 25, 2016
Andhera
जला कर अपनी हस्ती को किया रौशन जहां तूने
अन्धेरा आज भी पैवस्त है , दिल की दरारों में |
- मेराज सिद्दिकी
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