एक वक़्त था जब मेरे पास कुछ भी नहीं था फ़िल्म बनाने को, न कैमरा ना एडिटिंग मशीन कुछ भी नहीं और मुझे ये भी नहीं पता था की फ़िल्म बनती कैसे है, और तब पता नहीं कौन सा जुनून था मेरे अंदर की कुछ न होते हुए भी बहुत कुछ बना दिया मैंने ....... आज मेरे पास सब कुछ है, पूरा फ़िल्म स्टूडीयो ही है लगभग लेकिन पता नहीं वो जुनून कहाँ चला गया ... आज सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं बना पाता हूँ,
पता नहीं क्या हुआ मुझे, दिल टूटा हुआ कहीं खोया खोया सा रहता है ।